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जानें मधुमेह के प्राकृतिक
उपाय
ब्लड शुगर का लेवल
बढ़ जाना
जानें मधुमेह के प्राकृतिक
उपाय
आज के इस आधुनिक
परिवेश में जीवन शैली हर करवट बदल रही है। जो शरीर स्वस्थ तन और शांत मन का घर था
अब वहाँ नयी-नयी बीमारियाँ दस्तक दे रहीं हैं। मधुमेह को ऐसी ही बीमारियों का
मुखिया कहा जा सकता है। आधुनिक जीवनशैली में उपस्थित विसंगतियों ने मधुमेह को जन्म दिया है। मधुमेह यानी डायबिटीज का पूर्ण रूप से
उपचार नही किया जा सकता पर उचित सतर्कता और परहेज़ आपको मधुमेह के दुष्प्रभावों से
बचा सकते हैं। एलोपैथी यानी मधुुमेह के प्राकृतिक उपाय से इससे बचा जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ मधुमेह की दवाईयों के लम्बे प्रयोग से कई साइड-इफ़ेक्ट भी देखने को
मिलते है। ऐसे में रोगी की चिंता तीन से तेरह हो जाती है। पर आज भी ऐसे कई मधुुमेह के प्राकृतिक उपाय हैं जो आपके
‘शुगर-स्तर’ को नियंत्रण में ला
सकते हैं।
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मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के लक्षण |
मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के लक्षण:-
ब्लड शुगर का लेवल
बढ़ जाना
यह बात तो आमतौर पर
आप सभी जानते हैं कि जिन को मधुमेह का रोग हो जाता है उनका शुगर लेवल सामान्य से
कम या अधिक हो जाता है क्योंकि मधुमेह का रोग होने पर इंसुलिन नामक हार्मोन में
गड़बड़ी होने के कारण हमारे शरीर के रक्त में ग्लूकोस की मात्रा सामान्य से कम या
ज्यादा हो जाती है जिससे मधुमेह होने का कारण बनता है|
इंसुलिन हार्मोन का
अनबैलेंस होना:- शुगर डायबिटीज होने का एक कारण इंसुलिन हार्मोन
का अनबैलेंस होना भी होता है इंसुलिन ही हमारे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को
संतुलित करता है और हमारे शरीर के रक्त में जो ग्लूकोज कण होते हैं उनसे ही हमारे
शरीर को और ब्लड में जो Cells होते हैं उनको एनर्जी (ऊर्जा) मिलती है जब
इंसुलिन हार्मोन का बनना या फिर अपने एक निश्चित लेबल से कम हो जाना या ज़्यादा हो
जाना अथवा इंसुलिन हार्मोन की कार्य प्रणाली में कमी आ जाती है तो यह शुगर की
बीमारी होने का कारण बन जाता है|
पेंक्रियाज ग्रंथी
के ठीक से काम ना करने के कारण भी आपको इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है, दोस्तों पेंक्रियाज ग्रंथी हमारे मानव शरीर में
वह चीज होती है जिससे हमारे शरीर की जरूरत के लगभग सभी हारमोंस इसी ग्रंथि में से
निकलते हैं और इंसुलिन और ग्लूकोज भी इसी ग्रंथि में से निकलता है, या तो पेंक्रियाज ग्रंथी सही तरीके से अपना काम
नहीं करती या यह ग्रंथि बिल्कुल ही बेकार हो जाती है इस वजह से भी मानव शरीर में
मधुमेह होने का कारण बनता है|
मोटापा एक कारण
आपके शरीर में
मोटापा भी डायबिटीज की बीमारी को निमंत्रण देता है और मधुमेह की बीमारी का सबसे
ज्यादा और आम कारण यही है मोटे लोगों को बहुत जल्दी शुगर की बीमारी हो जाती है और
मोटापे के कारण हमारे मानव शरीर में अनिश्चित मात्रा में कैलोस्ट्रोल और कैलोरी का
स्तर अपने सामान्य स्तर से बढ़ जाता है जो कि हमारे शरीर में स्थित उपस्थित
इंसुलिन को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है और ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा अपने
सामान्य स्तर काम हो जाती है. अगर आपका वज़न अधिक
है और आप मोटापे से परेशां हैं तो आपको हमारी यह पोस्ट पढ़ लेनी चाहिए|
आनुवांशिक कारण:- तो हमारे मानव शरीर में कई ऐसी बीमारियां होती
हैं जिनको हम Genetic जेनेटिक प्रॉब्लम कहते हैं इसका हिंदी में सरल
मतलब यह होता है कि वह बीमारी जो हमारे फैमिली मेंबर में से किसी को पहले से ही है
और आगे चलकर वह आपको भी हो जाती है तो इस टाइप की बीमारियों को जेनेटिक बीमारी
बोलते हैं और शुगर की बीमारी में भी यह हो सकता है. जैसे के आपके पिताजी या दादा
जी या माता जी को शुगर की दिक्कत है तो हो सकता है कि आगे चलकर आपको भी समस्या का
सामना करना पड़े|
कंट्रोल होगी डायबिटीज, यह है रामबाण इलाज
शुगर का घरेलू इलाज
इन हिंदी : आजकल हर दूसरे व्यक्ति को डायबिटीज यानी शुगर की बीमारी बहुत
ज्यादा हो रही है। इस बीमारी की चपेट में तो बच्चे भी देखे गए हैं। इस बीमारी के
होने से ओर कई बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है। इसमें दवाई लेने के साथ
परहेज भी काफी करना पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो जाए तो उसे यह
जिंदगी भर के लिए घेरे रखती हैं। कई बार तो यह बीमारी जानलेवा बन जाती है लेकिन यदि हम कुछ एेसे तरीकें अपनाते हैं जिनसे शुगर कंट्रोल में रहे तो हम इस बीमारी पर जीत प्राप्त कर सकते हैं।
आज हम आपको बहुत ही
आसान एक एेसा चमत्कारी नुस्खा बताने जा रहे हैं। जिसका कोई साइड-इफैक्ट भी नहीं है
और उससे आपका शुगर लेवल पूरा कंट्रोल में आ जाएगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इस नुस्खे
में आपको कोई कड़वी चीज का सेवन नहीं करना पड़ेगा।
जमकर खाएँ जामुन:- मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है।
यदि कहा जाए कि जामुन मधुमेह के रोगी का ही फल है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी
मधुमेह में अत्यंत लाभकारी हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन करना चाहिए। जामुन रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित करता है, जामुन के मौसम में इसके नियमित
सेवन से डायबटीज के मरीज को फायदा होता है. इससे शुगर के मरीज को होने वाली
समस्याए जैसे बार-बार । प्यास लगना और बार-बार यूरिन पास होना आदि में भी लाभ
पहचता है। जामुन में
पोटेशियम पर्याप्त मात्रा में होता है जो कि व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि से बचाता है.
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जमकर खाएँ जामुन |
जामुन के औषधीय गुण:-
डायबिटीज मधुमेह (डायबिटीज, शुगर):- जामुन में पाया जाने वाला ग्लूकोज और फ्रक्टोज
के रूप में मिलने वाली शुगर आपके शरीर को हाईड्रेट करने के साथ ही कूल और रिफ्रेश
भी करता है। जिससे शुगर कंट्रोल रहती है। डायबिटीज के रोगी जामुन की गुठलियों को
सुखाकर, पीसकर उनका सेवन करें। इससे शुगर का स्तर ठीक
रहता है। अगर किसी व्यक्ति में खून की कमी पाई जाती है, तो उसे
भी जामुन का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिये, इससे
व्यक्ति के शरीर में खून का स्तर बढ़ जाता है. . जामन में विभिन्न प्रकार के पोषक
तत्व जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और विटामिन प्रचुर
मात्रा में मौजूद होते है, जो कि
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है
30 – 40 मिनट व्यायाम करें “रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में कम-से-कम 30 – 40 मिनट व्यायाम करना आपके लिए महत्वपूर्ण है|” हलके व्यायाम जैसे योग करने से या रोज़ टहलने से ग्लूकोज़ लेवल पर प्रभाव पड़ता है|
करेले से ना डरें :-
प्राचीन काल से करेले मधुमेह के इलाज में रामबाण माना जाता रहा है। इसके कड़वे रस के सेवन से रक्त में शर्करा की मात्रा कम होती है। मधुमेह के रोगी को प्रतिदिन करेले के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इससे आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होता है। नवीन शोधों के अनुसार उबले करेले का पानी मधुमेह को शीघ्र और स्थाई रूप से खत्म करने की क्षमता रखता है।करेले वाला का यह उपाय करें :-
इसके लिए आप सबसे
पहले करेले ले लें। इसकी एक किलो तक की मात्रा लेकर उसे मोटा दरदरा पीस लें। फिर
इन पीसे हुए करेलों को एक छोटे टब में डाल लें और फिर उसमें पैरों को डुबोएं। फिर
अपने पैर उसमें थोड़े हिलाते रहें। जब 15 से 20 मिनट के बाद आपकी जीभ पर कड़वा स्वाद आने लगेगा
तो आप अपने पैरों को निकाल कर धो लें। इस तरीके को आप एक बार अपनाकर जरूर देखें, हम आपको यकीन दिलवाते हैं कि आपका शुगर लेवल जरूर
कंट्रोल में आ जाएगा। यह 100
काम में आने वाला नुस्खा है।
मधुमेह के रोगी इसका
करें सेवन:- जौ और गेहूं की
रोटी खाएं। मूंग, मसूर और चने की दाल का सेवन करें। करेला, बबूल के फले खाएं।
शिलाजीत खाएं:- कैसे खाएं? आप चाहे
तो शिलाजीत पूरक (shilajit supplements) को दूध, शहद या तिल के तेल के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा, आप डॉक्टर से बात कर शिलाजीत के कैप्सूल भी खा सकते हैं।
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