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मधुमेह के प्रकार:
Diabetes से सम्बंधित कुछ facts:
Diabetes / डाईबीटीज Facts and Tips
Diabetes (मधुमेह) एक बहुत ही आम और खतरनाक बिमारी है. भारत
में हर पांच में से एक व्यक्ति को diabetes है.आज
हम इसी बीमारी के बारें में detail में जानने की कोशिश
करेंगे.
क्या होता है मधुमेह
?
Symbol for
Diabetes – A blue circle
मधुमेह एक ऐसी
बीमारी हैं जिसमें रोगी के खून में ग्लूकोज़ की मात्रा (blood sugar level) आवश्यकता से अधिक हो जाती है.ऐसा दो वजहों से हो
सकता है : या तो आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में insulin नहीं produce कर रहा है या फिर आपके cells produce हो रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं कर रहे.
इंसुलिन एक हारमोन है जो आपके शरीर में carbohydrate और fat के metabolism को
कण्ट्रोल करता है.मेटाबोलिज्म से अर्थ है उस प्रक्रिया से जिसमे शरीर खाने को
पचाता है ताकि शरीर को उर्जा मिल सके और उसका विकास हो सके.
हम जो खाना खाते हैं
वो पेट में जाकर energy में बदलता है जिसे glucose कहते हैं. अब काम होता है इस energy/glucose को हमारे body में मौजूद लाखों cells के अन्दर पहुचाना, और ये
काम तभी संभव है जब हमारे pancreas
(अग्न्याशय) पर्याप्त मात्रा में insulin produce करें. बिना इंसुलिन के glucose cells में प्रवेश नहीं कर सकता. और तब हमारे cells ग्लूकोज़ को जला कर शरीर को उर्जा पहुंचाते हैं.
जब यह प्रक्रिया सामान्य रूप से नहीं हो पाती तो व्यक्ति मधुमेह से ग्रस्त हो जाता
है.
सामान्य स्वस्थ
व्यक्ति में खाने के पहले blood
में glucose का level 70 से 100 mg./dl रहता
है। खाने के बाद यह level
120-140 mg/dl हो जाता है और फिर
धीरे-धीरे कम होता चला जाता है। पर मधुमेह हो जाने पर यह level सामन्य नहीं हो पाता और extreme cases में 500 mg/dl से भी
उपार चला जाता है.
![]() |
Type 1 diabetes |
मधुमेह के प्रकार:
Type
1 diabetes: यह तब होता है जब आपकी body insulin बनाना बंद कर देती है. ऐसे में मरीज को बाहर से
इंसुलिन देनी पड़ती है . इसे insulin-dependent diabetes mellitus, IDDM भी कहते हैंType 2 diabetes: यह तब
होता है जब आपके cells
produce हो रही इंसुलिन पर
प्रतिक्रिया नहीं करते. इसे non-insulin-dependent diabetes mellitus, NIDDM भी कहते हैंGestational diabetes:ये ऐसी महिलाओं को होता है जो गर्भवती हों और उन्हें पहले कभी diabetes ना हुआ हो.ऐसा pregnancy के
दौरान खून में ग्लूकोज़ की मात्रा (blood sugar level) आवश्यकता से अधिक हो जाने के कारण होता h is when pregnant women, who have
never had diabetes before, have a high blood glucose level during pregnancy. It
may precede development of type 2 DM.
Diabetes से सम्बंधित कुछ facts:
Type
2 Diabetes: से ग्रस्त लोग स्वस्थ्य लोगों की अपेक्षा 5 – 10 साल पहले मर जाते हैं.Type 2 Diabetes सबसे common form of Diabetes है.Diabetes किसी भी
age group के लोगों को हो सकता है, बच्चों को भी.भारत में,इलाज ना करा पाने के कारण हर साल करीब 27000 बच्चे मधुमेह की वजह से मर जाते हैं.भारत में 5 में से 1 व्यक्ति diabetes से प्रभावित है.अगर इसे control ना किया जाये तो ये heart-attack,blindness, stroke (आघात), या kidney failure में result कर सकता
है.स्वस्थ खा कर और physical
activity को बढ़ा कर टाइप २
मधुमेह को 80 % तक रोका जा सकता है.यह एक अनुवांशिक बिमारी है.
यानि यदि परिवार में पहले किसी को ये बिमारी रही हो तो आपको भी हो सकती है.
Diabetes हो जाने पर क्या करें:
नियमित रूप से blood sugar की जांच कराते रहे.परहेज करना बहुत ही आवशयक है, असावधानी बाद में घातक हो सकती है. बाद में blindness, amputation या dialysis का
सामना करने से कहीं आसान होगा परहेज करना.दवाओं के सेवन को हलके में ना लें , और डॉक्टर के बताये हुए समय पर दावा अवश्य
लें.स्वस्थ खाएं और active
रहे. व्यायाम करके इस काफी हद तक control किया जा सकता है.संभव हो तो खाना खाने के लिए
अपने जैसा ही साथी चुने, इससे अपने जीभ को control करना
आसान होगा.पर्याप्त मात्रा में नीद लें.सुबह या शाम को टहलने की आदत डालें.
तनाव को कम करें
अगर किसी चीज का तनाव है तो उससे निपटने के लिए एरोबिक्स करें, मेडिटेशन करें, अच्छा म्यूजिक सुनें और अपनी पसंदीदा हॉबी के लिए वक्त निकालें। मालिश करने-कराने से भी मन रिलैक्स होता है।
टेस्ट
1. ब्लड ग्लूकोज टेस्ट
यह दो बार किया जाता है: खाली पेट (फास्टिंग) और नाश्ता या ग्लूकोज लेने के बाद (पीपी)।
फास्टिंग ब्लड शुगर (नॉर्मल): 70-100 mg/dl
(रात में खाना खाने के बाद 8-10 घंटे की फास्टिंग जरूर हो। अगर रात में 12 बजे कुछ खाया है तो दिन में 8 बजे से पहले टेस्ट न कराएं।)
पोस्ट प्रैंडियल (पीपी) शुगर: 70-140 तक mg/dl
खाने का पहला कौर खाने के 2 घंटे बाद कराएं)
2. रैंडम प्लाज्मा टेस्ट
इसे कभी भी कर सकते हैं।
200 mg/dL: नॉर्मल
3. HbA1c टेस्ट: इसे हीमोग्लोबिन A1c या ऐवरेज ब्लड शुगर टेस्ट भी कहते हैं। इस टेस्ट से पिछले तीन महीने के ऐवरेज ब्लड शुगर लेवल का पता लग जाता है। इसमें खाली पेट और खाने के दो घंटे बाद का ब्लड सैंपल देना नहीं पड़ता। कभी भी, किसी भी लैब में जाकर एचबीए1सी (ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन) टेस्ट के लिए सैंपल दे सकते हैं।
5.7 से कम: नॉर्मल
5.7 से 6.4: प्री-डायबीटिक
6.5 या ज्यादा: डायबीटिक
ध्यान रखें:
1. टेस्ट से 24 घंटे पहले कॉलेस्ट्रॉल कम करनेवाली टैब्लेट, विटामिन-सी, ऐस्प्रिन, गर्भ-निरोधक दवाएं आदि इस्तेमाल ना करें। इनसे शुगर लेवल कम आ सकता है।
2. जिसे ग्लूकोज पीकर दो घंटे बाद टेस्ट देना है, उसे वहीं ठहरना चाहिए। एक-डेढ़ घंटे घूमकर आने पर रिजल्ट पर असर पड़ता है।
अगर किसी चीज का तनाव है तो उससे निपटने के लिए एरोबिक्स करें, मेडिटेशन करें, अच्छा म्यूजिक सुनें और अपनी पसंदीदा हॉबी के लिए वक्त निकालें। मालिश करने-कराने से भी मन रिलैक्स होता है।
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diabetes blood sugar Glucose test diagnosis |
टेस्ट
1. ब्लड ग्लूकोज टेस्ट
यह दो बार किया जाता है: खाली पेट (फास्टिंग) और नाश्ता या ग्लूकोज लेने के बाद (पीपी)।
फास्टिंग ब्लड शुगर (नॉर्मल): 70-100 mg/dl
(रात में खाना खाने के बाद 8-10 घंटे की फास्टिंग जरूर हो। अगर रात में 12 बजे कुछ खाया है तो दिन में 8 बजे से पहले टेस्ट न कराएं।)
पोस्ट प्रैंडियल (पीपी) शुगर: 70-140 तक mg/dl
खाने का पहला कौर खाने के 2 घंटे बाद कराएं)
2. रैंडम प्लाज्मा टेस्ट
इसे कभी भी कर सकते हैं।
200 mg/dL: नॉर्मल
3. HbA1c टेस्ट: इसे हीमोग्लोबिन A1c या ऐवरेज ब्लड शुगर टेस्ट भी कहते हैं। इस टेस्ट से पिछले तीन महीने के ऐवरेज ब्लड शुगर लेवल का पता लग जाता है। इसमें खाली पेट और खाने के दो घंटे बाद का ब्लड सैंपल देना नहीं पड़ता। कभी भी, किसी भी लैब में जाकर एचबीए1सी (ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन) टेस्ट के लिए सैंपल दे सकते हैं।
5.7 से कम: नॉर्मल
5.7 से 6.4: प्री-डायबीटिक
6.5 या ज्यादा: डायबीटिक
ध्यान रखें:
1. टेस्ट से 24 घंटे पहले कॉलेस्ट्रॉल कम करनेवाली टैब्लेट, विटामिन-सी, ऐस्प्रिन, गर्भ-निरोधक दवाएं आदि इस्तेमाल ना करें। इनसे शुगर लेवल कम आ सकता है।
2. जिसे ग्लूकोज पीकर दो घंटे बाद टेस्ट देना है, उसे वहीं ठहरना चाहिए। एक-डेढ़ घंटे घूमकर आने पर रिजल्ट पर असर पड़ता है।
Diabetes के Symptoms
अधिक प्यास या भूख
लगनाअचानक वज़न का घट जानालगातार कमजोरी और थकावट महसूस करनाघाव भरने में ज्यादा
वक़्त लगनाबार-बार पेशाब होनाचीजों का धुंधला नज़र आना त्वचा में संक्रमण होना और
खुजली होना
Diabetes में किन खाने-पीने की चीजों को avoid करें :
धूम्रपान,चीनी, मिठाई,ग्लूकोज, मुरब्बा, गुड़, आइसक्रीम, केक, पेस्ट्री, मीठा बिस्कुट,चॉकलेट, शीतल पेय, गाढ़ा दूध, क्रीम,तला हुआ भोजन,मक्खन, घी, और हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल, सफेद आटा,जंक फूड,कुकीज़, डिब्बा बंद और
संरक्षित खाद्य पदार्थ, इत्यादि.
Diabetes में किन खाने-पीने की चीजों का सेवन कम करें :
नमक , मीट, मछली ,अंडा ,अल्कोहल, चाय,कॉफी, शहद , नारियल, अन्य नट, unsweetened जूस ,sea food ,इत्यादि.
Diabetes में किन खाने-पीने की चीजों का सेवन करें :
खूब पानी पीएं ,अंगूर,अनार का रस, भारतीय ब्लैकबेरी, केला,सेब, अंजीर, काली बेरी, कीवी फल, खट्टे,फल,ककड़ी, सलाद पत्ता, प्याज, लहसुन ,मूली,टमाटर, गाजर, पत्तियों, पालक शलजम, गोभी और रंगीन
सब्जियों, बिना शक्कर फलों के रस, कच्चा केला,कच्ची मूंगफली, टमाटर, केले,खरबूजे, सूखे मटर, आलू, सेब साइडर सिरका, स्किम्ड दूधपाउडर, गेहूं,दलिया, बादाम, मटर, अनाज,छोला, बंगाल चना , काला चना,दाल , मकई , सोया अंकुरित फलियां, रोटी,गेहूं की भूसी, whole grain bread,मट्ठा, दही, इत्यादि.
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