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99 प्रतिशत ब्लॉकेज को भी रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता | Sacred fig remove blockage 99 percent of the leaf

 July 23, 2020     Health and Lifestyle     No comments   

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99 प्रतिशत हार्ट ब्लॉकेज को भी
रिमूव कर देता है पीपल का पत्ता

हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व होता है। इसे न केवल धर्म संसार से जोड़ा गया है, बल्कि वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार भी पीपल का पेड़ कई तरह से फायदेमंद माना गया है।

पीपल के पेड़ को इन नामों जाना जाता हैं:-  (अंग्रेज़ी: सैकरेड फिग, संस्कृत:अश्वत्थ) 

peepal tree benefits in hindi,
Peepal tree leaf benefits in hindi


हार्ट (Heart) ब्लॉकेज को रिमूव करने के लिए यह करे काम

 पीपल के 15 पत्ते लें जो कोमल गुलाबी कोंपले न हों, बल्कि पत्ते हरे, कोमल व भली प्रकार विकसित हों. प्रत्येक का ऊपर व नीचे का कुछ भाग कैंची से काटकर अलग कर दें.
पत्ते का बीच का भाग पानी से साफ कर ले, इन्हें एक गिलास पानी में धीमी आँच पर पकने दें. जब पानी उबलकर एक तिहाई रह जाए तब ठंडा होने पर साफ कपड़े से छान लें और उसे ठंडे उसे ठंडे स्थान पर रख दें, दवा तैयार.
सकती हैं. इस काढ़े की तीन खुराके बनाकर प्रत्येक तीन घंटे बाद प्रातः हार्ट अटैक के के बाद कुछ समय हो जाने के पश्चात. लगातार पंद्रह दिन तक इसे लेने से हृदय पुनः स्वस्थ हो जाता है और फिर दिल का, दौरा पड़ने की संभावना नहीं रहती दिल के रोगी इस नुस्खे को एक बार प्रयोग। अवश्य करें।


heart attack treatment,heart attack blockage treatment
heart attack blockage treatment


1. पीपल के पत्ते में दिल को बल और शांति देने की अद्भुत क्षमता है.
2. इस पीपल के काढ़े की तीन खुराकें सवेरे 8 बजे, 11 बजे व 2 बजे ली जा सकती हैं
3. खुराक लेने से पहले पेट एक दम खाली नहीं होना चाहिए, बल्कि सुपाच्य व हल्का नाश्ता करने के बाद ही लें
4. प्रयोगकाल में तली चीजें चावल आदि न लें, नमक, चिकनाई का प्रयोग बंद कर दें
6. अनार, पपीता, आंवला, बथुआ, लहसुन, मैथी दाना, सेब का मुरब्बा, मौसंबी, रात में भिगोए काले चने,किशमिश, गुग्गुल, दही, छाछ आदि ले.


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मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के लक्षण, इलाज और घरेलू उपचार – Diabetes (Madhumeh, Sugar) Symptoms, Treatments and Home Remedies in Hindi

 April 03, 2020     Health and Lifestyle     No comments   

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जानें मधुमेह के प्राकृतिक उपाय

आज के इस आधुनिक परिवेश में जीवन शैली हर करवट बदल रही है। जो शरीर स्वस्थ तन और शांत मन का घर था अब वहाँ नयी-नयी बीमारियाँ दस्तक दे रहीं हैं। मधुमेह को ऐसी ही बीमारियों का मुखिया कहा जा सकता है। आधुनिक जीवनशैली में उपस्थित विसंगतियों ने मधुमेह को जन्म  दिया है। मधुमेह यानी डायबिटीज का पूर्ण रूप से उपचार नही किया जा सकता पर उचित सतर्कता और परहेज़ आपको मधुमेह के दुष्प्रभावों से बचा सकते हैं। एलोपैथी यानी मधुुमेह के प्राकृतिक उपाय से इससे बचा जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ मधुमेह की दवाईयों के लम्बे प्रयोग से कई साइड-इफ़ेक्ट भी देखने को मिलते है। ऐसे में रोगी की चिंता तीन से तेरह हो जाती है। पर आज  भी ऐसे कई मधुुमेह के प्राकृतिक उपाय हैं जो आपके ‘शुगर-स्तर’ को नियंत्रण में ला सकते हैं।     

मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के लक्षण


मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के लक्षण:-

ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाना 

यह बात तो आमतौर पर आप सभी जानते हैं कि जिन को मधुमेह का रोग हो जाता है उनका शुगर लेवल सामान्य से कम या अधिक हो जाता है क्योंकि मधुमेह का रोग होने पर इंसुलिन नामक हार्मोन में गड़बड़ी होने के कारण हमारे शरीर के रक्त में ग्लूकोस की मात्रा सामान्य से कम या ज्यादा हो जाती है जिससे मधुमेह होने का कारण बनता है|

इंसुलिन हार्मोन का अनबैलेंस होना:- शुगर डायबिटीज होने का एक कारण इंसुलिन हार्मोन का अनबैलेंस होना भी होता है इंसुलिन ही हमारे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित करता है और हमारे शरीर के रक्त में जो ग्लूकोज कण होते हैं उनसे ही हमारे शरीर को और ब्लड में जो Cells होते हैं उनको एनर्जी (ऊर्जा) मिलती है जब इंसुलिन हार्मोन का बनना या फिर अपने एक निश्चित लेबल से कम हो जाना या ज़्यादा हो जाना अथवा इंसुलिन हार्मोन की कार्य प्रणाली में कमी आ जाती है तो यह शुगर की बीमारी होने का कारण बन जाता है|
पेंक्रियाज ग्रंथी के ठीक से काम ना करने के कारण भी आपको इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है, दोस्तों पेंक्रियाज ग्रंथी हमारे मानव शरीर में वह चीज होती है जिससे हमारे शरीर की जरूरत के लगभग सभी हारमोंस इसी ग्रंथि में से निकलते हैं और इंसुलिन और ग्लूकोज भी इसी ग्रंथि में से निकलता है, या तो पेंक्रियाज ग्रंथी सही तरीके से अपना काम नहीं करती या यह ग्रंथि बिल्कुल ही बेकार हो जाती है इस वजह से भी मानव शरीर में मधुमेह होने का कारण बनता है|

मोटापा एक कारण

आपके शरीर में मोटापा भी डायबिटीज की बीमारी को निमंत्रण देता है और मधुमेह की बीमारी का सबसे ज्यादा और आम कारण यही है मोटे लोगों को बहुत जल्दी शुगर की बीमारी हो जाती है और मोटापे के कारण हमारे मानव शरीर में अनिश्चित मात्रा में कैलोस्ट्रोल और कैलोरी का स्तर अपने सामान्य स्तर से बढ़ जाता है जो कि हमारे शरीर में स्थित उपस्थित इंसुलिन को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है और ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा अपने सामान्य स्तर काम हो जाती है. अगर आपका वज़न अधिक है और आप मोटापे से परेशां हैं तो आपको हमारी यह पोस्ट पढ़ लेनी चाहिए|

आनुवांशिक कारण:- तो हमारे मानव शरीर में कई ऐसी बीमारियां होती हैं जिनको हम Genetic जेनेटिक प्रॉब्लम कहते हैं इसका हिंदी में सरल मतलब यह होता है कि वह बीमारी जो हमारे फैमिली मेंबर में से किसी को पहले से ही है और आगे चलकर वह आपको भी हो जाती है तो इस टाइप की बीमारियों को जेनेटिक बीमारी बोलते हैं और शुगर की बीमारी में भी यह हो सकता है. जैसे के आपके पिताजी या दादा जी या माता जी को शुगर की दिक्कत है तो हो सकता है कि आगे चलकर आपको भी समस्या का सामना करना पड़े|

कंट्रोल होगी डायबिटीज, यह है रामबाण इलाज

शुगर का घरेलू इलाज इन हिंदी :  आजकल हर दूसरे व्यक्ति को डायबिटीज यानी शुगर की बीमारी बहुत ज्यादा हो रही है। इस बीमारी की चपेट में तो बच्चे भी देखे गए हैं। इस बीमारी के होने से ओर कई बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है। इसमें दवाई लेने के साथ परहेज भी काफी करना पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो जाए तो उसे यह जिंदगी भर के लिए घेरे रखती हैं। कई बार तो यह बीमारी जानलेवा बन जाती है लेकिन यदि हम कुछ एेसे तरीकें अपनाते हैं जिनसे शुगर कंट्रोल में रहे तो हम इस बीमारी पर जीत प्राप्त कर सकते हैं। 
आज हम आपको बहुत ही आसान एक एेसा चमत्कारी नुस्खा बताने जा रहे हैं। जिसका कोई साइड-इफैक्ट भी नहीं है और उससे आपका शुगर लेवल पूरा कंट्रोल में आ जाएगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इस नुस्खे में आपको कोई कड़वी चीज का सेवन नहीं करना पड़ेगा।

जमकर खाएँ जामुन:- मधुमेह के उपचार में जामुन एक पारंपरिक औषधि है। यदि कहा जाए कि जामुन मधुमेह के रोगी का ही फल है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी, क्योंकि इसकी गुठली, छाल, रस और गूदा सभी मधुमेह में अत्‍यंत लाभकारी हैं। मौसम के अनुरूप जामुन का सेवन करना चाहिए।  जामुन रक्त में शक्कर की मात्रा को नियंत्रित करता है, जामुन के मौसम में इसके नियमित सेवन से डायबटीज के मरीज को फायदा होता है. इससे शुगर के मरीज को होने वाली समस्याए जैसे बार-बार । प्यास लगना और बार-बार यूरिन पास होना आदि में भी लाभ पहचता है। जामुन में पोटेशियम पर्याप्त मात्रा में होता है जो कि व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि से बचाता है.

जमकर खाएँ जामुन

जामुन के औषधीय गुण:- 


डायबिटीज मधुमेह (डायबिटीज, शुगर):- जामुन में पाया जाने वाला ग्लूकोज और फ्रक्टोज के रूप में मिलने वाली शुगर आपके शरीर को हाईड्रेट करने के साथ ही कूल और रिफ्रेश भी करता है। जिससे शुगर कंट्रोल रहती है। डायबिटीज के रोगी जामुन की गुठलियों को सुखाकर, पीसकर उनका सेवन करें। इससे शुगर का स्तर ठीक रहता है। अगर किसी व्यक्ति में खून की कमी पाई जाती है, तो उसे भी जामुन का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिये, इससे व्यक्ति के शरीर में खून का स्तर बढ़ जाता है. . जामन में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और विटामिन प्रचुर
मात्रा में मौजूद होते है, जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है

30 – 40 मिनट व्यायाम करें “रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में कम-से-कम 30 – 40 मिनट व्यायाम करना आपके लिए महत्वपूर्ण है|” हलके व्यायाम जैसे योग करने से या रोज़ टहलने से ग्लूकोज़ लेवल पर प्रभाव पड़ता है| 

करेले से ना डरें :-

प्राचीन काल से करेले मधुमेह के इलाज में रामबाण माना जाता रहा है। इसके कड़वे रस के सेवन से रक्‍त में शर्करा की मात्रा कम होती है। मधुमेह के रोगी को प्रतिदिन करेले के रस का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इससे आश्चर्यजनक लाभ प्राप्‍त होता है। नवीन शोधों के अनुसार उबले करेले का पानी मधुमेह को शीघ्र और स्थाई रूप से खत्‍म करने की क्षमता रखता है।

करेले वाला का यह उपाय करें :-

इसके लिए आप सबसे पहले करेले ले लें। इसकी एक किलो तक की मात्रा लेकर उसे मोटा दरदरा पीस लें। फिर इन पीसे हुए करेलों को एक छोटे टब में डाल लें और फिर उसमें पैरों को डुबोएं। फिर अपने पैर उसमें थोड़े हिलाते रहें। जब 15 से 20 मिनट के बाद आपकी जीभ पर कड़वा स्वाद आने लगेगा तो आप अपने पैरों को निकाल कर धो लें। इस तरीके को आप एक बार अपनाकर जरूर देखें, हम आपको यकीन दिलवाते हैं कि आपका शुगर लेवल जरूर कंट्रोल में आ जाएगा। यह 100 काम में आने वाला नुस्खा है।

मधुमेह के रोगी इसका करें सेवन:- जौ और गेहूं की रोटी खाएं। मूंग, मसूर और चने की दाल का सेवन करें। करेला, बबूल के फले खाएं।

शिलाजीत खाएं:- कैसे खाएं? आप चाहे तो शिलाजीत पूरक (shilajit supplements) को दूध, शहद या तिल के तेल के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा, आप डॉक्टर से बात कर शिलाजीत के कैप्सूल भी खा सकते हैं।


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होंठों को देखकर जानें दिल का राज | Know the secret of heart by looking at lips

 March 30, 2020     Love life     No comments   


✍

होंठों को देखकर जानें दिल का राज

होंठों  में ऐसी बात दबा के चली आई आया यानी आप इस लेख को पढ़ने के बाद किसी के होंठों को देखकर उसके सवभाव के बारे में आसानी से जान पायेंगे। हिन्दू धर्म में स्त्रियों को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे पुराण भी है जिसमे स्त्रियों के कुछ अंगो को भाग्यशाली बताया गया है। शरीर के अंगों से इंसान के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है। आज के लेख में हम आपको बतायेंगे की किस तरह होठों से पता लगाए लड़की को प्यार है या नहीं और उसका स्वभाव कैसा है। लड़कियों के बार में कहा जाता है कि उन्हें जान पाना और समझ पाना कोई आसान काम नहीं हैं।
होंठों को देखकर जानें दिल का राज 

लेकिन समुद्रशास्त्र के मुताबिक ऐसे कई संकेत होते हैं जो लड़कियों के व्यवहार को बता सकते हैं। इसी क्रम में आज हम आपको बताने जा रहे हैं लड़कियों के होंठों को देखकर उनके बार में जानना। लड़कियों के होंठ ही लड़कों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। तो आइये जानते हैं कि किस तरह से लड़कियों के होंठों को देखकर उनके व्यवहार के बारे में जाना जा सकता हैं।
आकर्षक होंठ :- आकर्षक और सुदंर होंठों वाली लड़कियां मेहनती, बुद्धिमान, ईमानदार, दयालु और दूसरों की इज्जत करने वाली होती है। अगर किसी लड़की के होंठ ज्यादा आकर्षक हैं वह बहुत ज्यादा मेहनती, बुद्धिमान और ईमानदार होती हैं।


Attractive lips
आकर्षक होंठ

पतले होंठ :- जिन लड़कियों के पतले होठों होते है वो अपने परिवार के साथ साथ अपने लाइफ पार्टनर से भी बहुत प्यार करती हैं। महत्वाकांशी किस्म की यह लड़कियां पारिवारिक नहीं होती लेकिन यह अपने पार्टनर का साथ भी कभी नहीं छोड़ती। 
मोटे होठ :- जिस व्यक्ति के होठ सामान्य से अधिक मोटे दिखाई देते हैं वे क्रोधी स्वभाव के होते हैं जिन लड़कियों के होंठ मोटे होते हैं वह काफी झगड़ालू स्वभाव की होती हैं। इन लड़कियों की अपने पार्टनर के साथ नहीं बनती है। ये लोग बहुत अवेशी होते हैं स्त्रियों के लिये इस प्रकार के होठों को अधिक ठीक नहीं माना गया हैं क्योंकि इनकी जिद की वजह से ग्रस्थ जीवन में बाधाएँ बनी ही रहती हैं।


मोटे होठ
मोटे होठ 

काले होंठ :-  जिन लड़कियों के होंठ काले होते हैं वह काफी तेज होती हैं। लेकिन ये अपने पति की काफी सेवा करती हैं। पढ़ाई में तेज और होशियार होने के साथ यह लड़कियां ज्यादा बातचीत करने और अपने पति की सेवा करने वाली होती है। तेज तर्रार इन लड़कियों से बहस में जीतना बेहद मुश्किल होता है।

गुलाबी होंठ :- जिन लड़कियों के होंठ गुलाबी होते हैं वह अपने अच्छे स्वभाव के कारण हर किसी इंसान का दिल जीत लेती हैं। ये बुद्धिमान और ईमानदार भी होती है। अपने व्यवहार से हर किसी का दिल जीतने वाली यह लड़कियां उदार, बुद्धिमान और ईमानदार किस्म की होती है। इसके अलावा जिन लड़कियों के होंठ ज्यादा गुलाबी या लाल होते है वो अंहकारी किस्म की होती है।

गुलाबी होंठ
गुलाबी होंठ



औसत होंठ :- ऐसे होंठ सामान्य होते हैं, इनमें अलग से पहचानने लायक कोई विशेषता नहीं होती  ऐसे होठों वाले लोग रिश्तों में नाट्कीयता की बजाय शालीन और करीबी को पसंद करते हैं
कृत्रिम रूप से उभारे गए होंठ  :-  कुदरती होंठों को कृत्रिम उपायों से आकार दिलाने वाले स्वार्थी व जरूरतमंद हो सकते हैं ये भावनात्मक रूप से अस्थिर व जीवन में नाट्कीयता पसंद करने वाले होते हैं
पान के समान कतरे हुए होंठ :- ऐसे होंठ पतले, धारदार और रक्ताभ होते हैं जिन्हें सुंदरता का मानक मानते हैं ऐसे होठों वाले लोगों को तेज दिमाग, रचनात्मक और संवाद करने में निपुण माना जाता है


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how to prevent and cure diabetes and other useful tips | मधुमेह और अन्य उपयोगी सुझावों को कैसे रोकें और ठीक करें

 March 30, 2020     Health and Lifestyle     No comments   

✍


Diabetes / डाईबीटीज Facts and Tips
Diabetes (मधुमेह) एक बहुत ही आम और खतरनाक बिमारी है. भारत में हर पांच में से एक व्यक्ति को diabetes है.आज हम इसी बीमारी के बारें में detail में जानने की कोशिश करेंगे.
क्या होता है मधुमेह ?
Symbol for Diabetes – A blue circle
मधुमेह एक ऐसी बीमारी हैं जिसमें रोगी के खून में ग्लूकोज़ की मात्रा (blood sugar level) आवश्यकता से अधिक हो जाती है.ऐसा दो वजहों से हो सकता है : या तो आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में insulin नहीं produce कर रहा है या फिर आपके cells produce हो रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं कर रहे. इंसुलिन एक हारमोन है जो आपके शरीर में carbohydrate और fat के metabolism को कण्ट्रोल करता है.मेटाबोलिज्म से अर्थ है उस प्रक्रिया से जिसमे शरीर खाने को पचाता है ताकि शरीर को उर्जा मिल सके और उसका विकास हो सके.
हम जो खाना खाते हैं वो पेट में जाकर energy में बदलता है जिसे glucose कहते हैं. अब काम होता है इस energy/glucose को हमारे body में मौजूद लाखों cells के अन्दर पहुचाना, और ये काम तभी संभव है जब हमारे pancreas (अग्न्याशय) पर्याप्त मात्रा में insulin produce करें. बिना इंसुलिन के glucose cells में प्रवेश नहीं कर सकता. और तब हमारे cells ग्लूकोज़ को जला कर शरीर को उर्जा पहुंचाते हैं. जब यह प्रक्रिया सामान्य रूप से नहीं हो पाती तो व्यक्ति मधुमेह से ग्रस्त हो जाता है.
सामान्य स्वस्थ व्यक्ति में खाने के पहले blood में glucose का level 70 से 100 mg./dl रहता है। खाने के बाद यह level 120-140 mg/dl हो जाता है और फिर धीरे-धीरे कम होता चला जाता है। पर मधुमेह हो जाने पर यह level सामन्य नहीं हो पाता और extreme cases में 500 mg/dl से भी उपार चला जाता है.


Type 1 diabetes hindi, Diabetes / डाईबीटीज Facts and Tips
Type 1 diabetes

मधुमेह के प्रकार:

Type 1 diabetes: यह तब होता है जब आपकी body insulin बनाना बंद कर देती है. ऐसे में मरीज को बाहर से इंसुलिन देनी पड़ती है . इसे insulin-dependent diabetes mellitus, IDDM भी कहते हैंType 2 diabetes: यह तब होता है जब आपके cells produce हो रही इंसुलिन पर प्रतिक्रिया नहीं करते. इसे non-insulin-dependent diabetes mellitus, NIDDM भी कहते हैंGestational diabetes:ये ऐसी महिलाओं को होता है जो गर्भवती हों और उन्हें पहले कभी diabetes ना हुआ हो.ऐसा pregnancy के दौरान खून में ग्लूकोज़ की मात्रा (blood sugar level) आवश्यकता से अधिक हो जाने के कारण होता h is when pregnant women, who have never had diabetes before, have a high blood glucose level during pregnancy. It may precede development of type 2 DM.

Diabetes से सम्बंधित कुछ facts:

Type 2 Diabetes: से ग्रस्त लोग स्वस्थ्य लोगों की अपेक्षा 5 – 10 साल पहले मर जाते हैं.Type 2 Diabetes सबसे common form of Diabetes है.Diabetes किसी भी age group के लोगों को हो सकता है, बच्चों को भी.भारत में,इलाज ना करा पाने के कारण हर साल करीब 27000 बच्चे मधुमेह की वजह से मर जाते हैं.भारत में 5 में से 1 व्यक्ति diabetes से प्रभावित है.अगर इसे control ना किया जाये तो ये heart-attack,blindness, stroke (आघात), या kidney failure में result कर सकता है.स्वस्थ खा कर और physical activity को बढ़ा कर टाइप २ मधुमेह को 80 % तक रोका जा सकता है.यह एक अनुवांशिक बिमारी है. यानि यदि परिवार में पहले किसी को ये बिमारी रही हो तो आपको भी हो सकती है.
Diabetes हो जाने पर क्या करें:
नियमित रूप से blood sugar की जांच कराते रहे.परहेज करना बहुत ही आवशयक है, असावधानी बाद में घातक हो सकती है. बाद में blindness, amputation या dialysis का सामना करने से कहीं आसान होगा परहेज करना.दवाओं के सेवन को हलके में ना लें , और डॉक्टर के बताये हुए समय पर दावा अवश्य लें.स्वस्थ खाएं और active रहे. व्यायाम करके इस काफी हद तक control किया जा सकता है.संभव हो तो खाना खाने के लिए अपने जैसा ही साथी चुने, इससे अपने जीभ को control करना आसान होगा.पर्याप्त मात्रा में नीद लें.सुबह या शाम को टहलने की आदत डालें.

 तनाव को कम करें

अगर किसी चीज का तनाव है तो उससे निपटने के लिए एरोबिक्स करें, मेडिटेशन करें, अच्छा म्यूजिक सुनें और अपनी पसंदीदा हॉबी के लिए वक्त निकालें। मालिश करने-कराने से भी मन रिलैक्स होता है।



diabetes blood sugar Glucose test  diagnosis


टेस्ट

1. ब्लड ग्लूकोज टेस्ट

यह दो बार किया जाता है: खाली पेट (फास्टिंग) और नाश्ता या ग्लूकोज लेने के बाद (पीपी)।

फास्टिंग ब्लड शुगर (नॉर्मल): 70-100 mg/dl

(
रात में खाना खाने के बाद 8-10 घंटे की फास्टिंग जरूर हो। अगर रात में 12 बजे कुछ खाया है तो दिन में 8 बजे से पहले टेस्ट न कराएं।)

पोस्ट प्रैंडियल (पीपी) शुगर: 70-140 तक mg/dl

खाने का पहला कौर खाने के 2 घंटे बाद कराएं)

2.
रैंडम प्लाज्मा टेस्ट

इसे कभी भी कर सकते हैं।

200 mg/dL:
नॉर्मल

3. HbA1c टेस्ट: इसे हीमोग्लोबिन A1c या ऐवरेज ब्लड शुगर टेस्ट भी कहते हैं। इस टेस्ट से पिछले तीन महीने के ऐवरेज ब्लड शुगर लेवल का पता लग जाता है। इसमें खाली पेट और खाने के दो घंटे बाद का ब्लड सैंपल देना नहीं पड़ता। कभी भी, किसी भी लैब में जाकर एचबीए1सी (ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन) टेस्ट के लिए सैंपल दे सकते हैं।

5.7
से कम: नॉर्मल

5.7
से 6.4: प्री-डायबीटिक

6.5
या ज्यादा: डायबीटिक

ध्यान रखें:

1. टेस्ट से 24 घंटे पहले कॉलेस्ट्रॉल कम करनेवाली टैब्लेट, विटामिन-सी, ऐस्प्रिन, गर्भ-निरोधक दवाएं आदि इस्तेमाल ना करें। इनसे शुगर लेवल कम आ सकता है।

2.
जिसे ग्लूकोज पीकर दो घंटे बाद टेस्ट देना है, उसे वहीं ठहरना चाहिए। एक-डेढ़ घंटे घूमकर आने पर रिजल्ट पर असर पड़ता है।

Diabetes के Symptoms
अधिक प्यास या भूख लगनाअचानक वज़न का घट जानालगातार कमजोरी और थकावट महसूस करनाघाव भरने में ज्यादा वक़्त लगनाबार-बार पेशाब होनाचीजों का धुंधला नज़र आना त्वचा में संक्रमण होना और खुजली होना
Diabetes में किन खाने-पीने की चीजों को avoid करें :
धूम्रपान,चीनी, मिठाई,ग्लूकोज, मुरब्बा, गुड़, आइसक्रीम, केक, पेस्ट्री, मीठा बिस्कुट,चॉकलेट, शीतल पेय, गाढ़ा दूध, क्रीम,तला हुआ भोजन,मक्खन, घी, और हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल, सफेद आटा,जंक फूड,कुकीज़, डिब्बा बंद और संरक्षित खाद्य पदार्थ, इत्यादि.
Diabetes में किन खाने-पीने की चीजों का सेवन कम करें :
नमक , मीट, मछली ,अंडा ,अल्कोहल, चाय,कॉफी, शहद , नारियल, अन्य नट, unsweetened जूस ,sea food ,इत्यादि.
Diabetes में किन खाने-पीने की चीजों का सेवन करें :
खूब पानी पीएं ,अंगूर,अनार का रस, भारतीय ब्लैकबेरी, केला,सेब, अंजीर, काली बेरी, कीवी फल, खट्टे,फल,ककड़ी, सलाद पत्ता, प्याज, लहसुन ,मूली,टमाटर, गाजर, पत्तियों, पालक शलजम, गोभी और रंगीन सब्जियों, बिना शक्कर फलों के रस, कच्चा केला,कच्ची मूंगफली, टमाटर, केले,खरबूजे, सूखे मटर, आलू, सेब साइडर सिरका, स्किम्ड दूधपाउडर, गेहूं,दलिया, बादाम, मटर, अनाज,छोला, बंगाल चना , काला चना,दाल , मकई , सोया अंकुरित फलियां, रोटी,गेहूं की भूसी, whole grain bread,मट्ठा, दही, इत्यादि.
————————————————————————
Note : In case you have some better points to add to this Hindi Article on Diabetes then please add it to through your comments.
निवेदन : यदि यह लेख आपके लिए लाभप्रद रहा हो तो कृपया कृपया comment के माध्यम से ज़रूर बताएं.और इसे अपने Facebook friends के साथ ज़रूर share करें .

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